How FASTag work? फास्टैग कैसे काम करता है?


हेलो फ्रेंड्स ,  

आप सभी ने फास्टैग के बारे में सुन्ना हे होगा. पर क्या आपको ये पता है की फास्टैग कैसे काम करता है How FASTag work? और इसमें टोल प्लाजा की क्या भूमिका होती है आज आप इस पोस्ट में ये भी जानेंगे |  

How FASTag works? फास्टैग कैसे काम करता है?

गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया ने 4 नवंबर 2014 को फास्टैग इंट्रोडस किया था. फिर धीरे धीरे इसको इम्पोर्टेंस दी जाने लगी. और अब फास्टैग को कंपल्सरी कर दिया गया है|  अब तक करीब 1 crore+  फास्टैग जारी किये जा चुके है. इंडियन गवर्नमेंट ने टोटल 7 Colors के फास्टैग जारी किये है| 

बैंगनी रंग: कार, जीप आदि के लिए।

नारंगी रंग: 2 एक्सल वैन, मिनी बस (हल्के वाणिज्यिक वाहन) आदि के लिए।

हरा रंग: 2 एक्सल बसों और ट्रकों के लिए

पीला रंग: 3 एक्सल बसों और ट्रकों के लिए

गुलाबी रंग: 4, 5 और 6 एक्सल वाहनों के लिए

स्काई ब्लू कलर: 7, 8 या अधिक एक्सल वाहनों के लिए

काला रंग: एचसीएम और ईएमई (जेसीबी आदि) के लिए

FASTag RFID( Radio frequency indetification) के बेसिस में काम करता है. इस टेक्नोलॉजी के दो मुख्य  कंपोनेंट्स है. पहला फास्टैग और दूसरा टोल प्लाजा में लगा हुआ फास्टैग स्कैनर | 



हम  step by step समझेंगे की फास्टैग कैसे काम करता है?  How FASTag works?

1जैसे ही  आप की गाड़ी टोल प्लाजा में एंटर करती है तो सबसे पहले फास्टैग स्कैनर आपकी गाड़ी में लगे फास्टैग को स्कैन करता है 

2. फिर उसके बाद स्कैनर फास्टैग में लगे टैग ID , LOGOS के आलावा २ मुख्य  कंपोनेंट्स को भी स्कैन करता है |  जिसको आखो  से नहीं देखा जा सकता. २ कंपोनेंट्स में एक चिप और एक एंटीना होता है |  चिप में व्हीकल की डिटेल्स होती से इसी डिटेल्स से Toll Fare कितना होगा पता चलता है  और एंटीना की हेल्प से स्कैनर डिटेल कलेक्ट करता है | 

3. स्कैनर पूरी डिटेल्स को सिस्टम को भेज देता है और कंप्यूटर में आपके व्हीकल की डिटेल्स आ जाती |  

4. ये पूरी डिटेल टोल प्लाजा से Acquirer Bank (वो बैंक जो टोल प्लाजा की तरफ से काम करेगा) को सेंड करदी जाती है | 

5.   Acquirer Bank जो टोल प्लाजा की तरफ से ऑपरेट हो रहा है वो फास्टैग की डिटेल्स को चेक करने की लिए की फास्टैग वैलिड है या नहीं NETC Mapper को फॉवर्ड कर देता है | 
  
6. NETC Mapper  जिसके पास अब तक जारी किये गए सरे फास्टैग की डिटेल्स होती है वो Acquirer Bank से आयी गयी फास्टैग डिटेल को चेक करता है और फास्टैग वैलिड होने परAcquirer Bank को बता देता है | 


7. ये Acquirer Bank  फास्टैग वैलिड है या नहीं ये कन्फर्म होने के बाद Amount कैलकुलेट करता है की कितना अमाउंट लेना है और फिर डेबिट रिक्वेस्ट को NETC के पास भेज देता है | 

8. NETC Debet  रिक्वेस्ट को Issuer बैंक को फॉरवर्ड कर देता है और फिर ये Issuer बैंक फास्टैग होल्डर या बोले तो गाड़ी के मालिक के पास से Amount Deduct कर लेता है  फिर NETC MAPPER को इन्फॉर्म कर देता है | 

9. फिर NETC Mapper , Acquirer Bank को इनफार्मेशन फॉरवर्ड कर देता फिर और फिर Acquirer Bank टोल प्लाजा सिस्टम में ये बता देता है की "Transcation Successful" हो गया फिर सक्सेसफुल होते ही बैरियर खुल जायगा और आप आगे अपनी Journey Continoue कर सकते है | 

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तो ये पूरा प्रोसेस होता है. इसी तरह से हे फास्टैग और टोल प्लाजा वर्क करते है. फास्टैग की डिटेल्स लेकर टोल प्लाजा ट्रांसक्शन कम्पलीट करता है |  

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